कोई आपका दिल तोड़ दे, तो आप अपना भ्रम तोड़ दो।
उबटन लगाने के बाद भी दर्पण चेहरे पर निखार नहीं बता रहा है तो याद करो दुनियां को कुछ अर्पण भी किया है?
‘असफलता’ दुनियां द्वारा गढ़ी हुई नकारात्मक धारणा है। जबकि ये ‘सफलता’ के रास्ते में मिलने वाली एक खुरदरी सीढ़ी मात्र है।
निकम्मापन हावी हो गया है तो बता दूं झाड़-फूँक करो। अपने औजारों पर जमी धूल झाड़ो और और अपने अंदर खुद ही प्राण फूँक दो।
कोई समस्या लगातार आपका पीछा नहीं छोड़ रही है तो समस्या आपके धीरे दौड़ने की है।
आपको लगता है कुछ चीजें आपके भाग्य में नहीं लिखी है तो आप अब पढ़ लिख लिए; लिख भी तो सकते हो।
आने वाले कल से अंधेरा हटाना है तो आज के दिन की रोशनी का पूरा उपयोग करो।
सफलता के रास्ते पर सब लोग आपकी मदद नहीं करेंगे। सब लोगों की मदद के बाद आपने जो पायी है वो सफलता नहीं बल्कि ‘ख़ैरात’ है।
*योग गुरु – डॉ. मिलिन्द्र त्रिपाठी ✍️*
(आरोग्य योग केंद्र)